प्रिटोरिया : भारत को रक्षा उत्पादन के लिए आकर्षक स्थल के रूप में पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण हथियार निर्यातक दक्षिण अफ्रीका के साथ रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढाने पर जोर दिया, साथ ही परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के भारत के प्रयास का समर्थन करने के लिए उसे धन्यवाद
दिया। चार देशों की यात्रा के दूसरे चरण में दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर आए मोदी ने राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की और विनिर्माण, फर्मा, खनन और खनिज, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को गहरा बनाने पर सहमति व्यक्त की। इसके साथ ही दोनों पक्षों ने कारोबार और निवेश एवं पारंपरिक संबंधों को गहरा बनाने का निर्णय किया। दोनों देशों ने रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने के साथ ही आतंकवाद से ‘सक्रियता’ से निपटने में सहयोग करने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे में सहयोग करने का संकल्प व्यक्त किया। मोदी और जुमा की वार्ता के बाद सूचना प्रौद्योगिकी, कला एवं संस्कृति, पर्यटन तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए। बैठक के दौरान मोदी ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में सदस्यता की भारत की दावेदारी का आज समर्थन करने के लिये राष्ट्रपति जैकब जुमा को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘मैंने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के भारत के प्रयासों का समर्थन करने के लिए दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। हम जानते हैं कि हम दक्षिण अफ्रीका जैसे हमारे मित्र के सक्रिय समर्थन पर भरोसा कर सकते हैं।’ ऐसी खबरें थी कि 48 सदस्यों वाले परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में शामिल होने के भारत के प्रयास पर आपत्ति करने वाले कुछ देशों में दक्षिण अफ्रीका भी शामिल था। दोनों देशों के बीच पहले से ही मजबूत संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की वकालत करते हुए मोदी और जुमा ने दो महान विभूतियों महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से मेरी यह यात्रा उन दो महान विभूतियों, महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला को श्रद्धांजलि देने का अवसर है जो इस पृथ्वी पर आए।’भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच करीबी संबन्ध का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि हालांकि यह मेरी पहली यात्रा है, ‘मैं इस इंद्रधनुष राष्ट्र को अपने घर के रूप में महसूस कर रहा हूं।’ लोगों से लोगों के स्तर पर संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम नस्लवाद और उपनिवेशवाद के खिलाफ हमारी साझा लड़ाई में साथ खडे हैं।’ रक्षा क्षेत्र में अवसरों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को रक्षा उपकरण एवं प्लेटफार्म विनिर्माण के लिए एक आकर्षक स्थल के रूप में पेश किया। मोदी ने कहा कि दोनों देश न केवल एक दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक जरूरतों को भी पूरा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि दक्षिण अफ्रीका वैश्विक स्तर पर प्रमुख रक्षा उत्पादक देश है। मोदी ने कहा, ‘आर्थिक और व्यापार संबंधों से आगे कारोबार एवं निवेश के साथ हम रक्षा एवं सुरक्षा क्षेत्र में सहयोगी बन सकते हैं.. उद्योग के स्तर पर और हमारी सामरिक एवं सुरक्षा जरूरतों के स्तर पर।’ उन्होंने कहा कि भारत में रक्षा क्षेत्र पूर्ण बदलाव के दौर से गुजर रहा है और यह आकर्षक अवसर पैदा करता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारी कंपनियां अपनी क्षमताओं का उपयोग करके रक्षा उपकरणों और प्लेटफार्मो का संयुक्त रूप से विकास और विनिर्माण कर सकती हैं। और न केवल रक्षा जरूरतों को पूरा करने बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मांग को भी पूरा कर सकती हैं।’
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